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बालकेलि बातबस झलकि झलमलत
सोभाकी दीयटि मानो रुप-दीप दियो है ||
राम-सिसु सानुज चरित चारु गाइ-सुनि
सुजन सादर जनम-लाहु लियो है |
तुलसी बिहाइ दसरथ दसचारिपुर
ऐसे सुख जोग बिधि बिरच्यो न बियो है ||
राम-सिसु गोद महामोद भरे दसरथ,
कौसिलाहु ललकि लषनलाल लये हैं |
भरत सुमित्रा लये, कैकयी सत्रुसमन,