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कालान्तर / नरेन्द्र जैन

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<Poem>
'''(वेणुगोपाल [[वेणु गोपाल]] के वास्ते)'''
कालान्तर में वेणुगोपाल वेणु गोपाल विदिशा में
सपरिवार रहे आए उस एक कमरे में
जो वीर हकीकतराय मार्ग से आगे जाते हुए
और भूख से हमारी अंतरंगता ही
जाती रही।
 
'''सन्दर्भ :
 
'''[[वेणु गोपाल]] : हिन्दी के एक महत्त्वपूर्ण दिवंगत कवि। कविता कोश में इनकी कविताएँ उपलब्ध हैं।
</poem>