भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
}}
* [[किस्से नहीं हैं ये किसी बिरहन की पीर के / जहीर कुरैशी]]
* [[धूप, मिट्टी हवा को भूल गए / जहीर कुरैशी]]
* [[अंग -प्रत्यंग को हिला डाला / जहीर कुरैशी]]
* [[विष असर कर रहा है किश्तों में / जहीर कुरैशी]]