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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तेज राम शर्मा |संग्रह=बंदनवार / तेज राम शर्मा}} [[Cate...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=तेज राम शर्मा
|संग्रह=बंदनवार / तेज राम शर्मा}}
[[Category:कविता]]
<poem>
इस बाँझ समय में
उपेक्षित पड़े रहेंगे
सृजन के सपने
शिशु मुख में
छिपे रह जाएँगे
स्तनों के सपने
मिट्टी
रेत में ढूँढेगी
अपने सपने
इस समय के मुँह को
और मैला कर जाएँगे
जल,वायु और आकाश
दीपावली का नहीं
यह उलटबासियों के
उत्सव का समय है।
</poem>
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|रचनाकार=तेज राम शर्मा
|संग्रह=बंदनवार / तेज राम शर्मा}}
[[Category:कविता]]
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इस बाँझ समय में
उपेक्षित पड़े रहेंगे
सृजन के सपने
शिशु मुख में
छिपे रह जाएँगे
स्तनों के सपने
मिट्टी
रेत में ढूँढेगी
अपने सपने
इस समय के मुँह को
और मैला कर जाएँगे
जल,वायु और आकाश
दीपावली का नहीं
यह उलटबासियों के
उत्सव का समय है।
</poem>