भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना भाटिया }} <poem> बारिश की पहली बूँदे तपते दिल ...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना भाटिया
}}
<poem>
बारिश की पहली बूँदे
तपते दिल पर यूँ गिरी हैं
कि सारा दर्द उबलकर
आँखो से टपकने लगा है !!<poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना भाटिया
}}
<poem>
बारिश की पहली बूँदे
तपते दिल पर यूँ गिरी हैं
कि सारा दर्द उबलकर
आँखो से टपकने लगा है !!<poem>