भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
कौन आया रास्ते आईनाख़ाने हो गए
रात रौशन हो गई दिन भी सुहाने हो गए
मेरी पलकों पर ये आँसू प्यार की तौहीन हैं
उनकी आँखों से गिरे मोती के दाने हो गए
</poem>