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Kavita Kosh से
लेकिन कुछ फूलों की नियति ही ऎसी होती है
जो फूल की जगह काँटें लेकर आते हैं
शायद मेरे आँगन में लगा गुलब गुलाब भी
कुछ ऎसा ही है मेरी ज़िन्दगी के लिए।
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