भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
ज़ौक़
,|जीवनी=[[ज़ौक़ / परिचय]]
}}
*[[ इस तपिश का है मज़ा दिल ही को हासिल होता/ ज़ौक़]]*[[ जान के जी में सदा जाने का ही अरमाँ रहा/ज़ौक़]]*[[ तेरा बीमार न सँभला जो सँभाला लेकर/ ज़ौक़]]*[[ अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे/ ज़ौक़]]