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किया बात मैं ने वोह वो कोठे की, मेरे दिल से साफ़ उतर गई <br>
तो कहा के जाने मेरी बाला, तुम्हें याद हो के न याद हो
जिसे आप गिनते थे आश्ना आशना जिसे आप कहते थे बावफ़ा <br>
मैं वही हूँ "मोमिन"-ए-मुब्तला तुम्हें याद हो के न याद हो
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