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'''मात्राओं की गणना'''<br>
(1) संयुक्त व्यञ्जन से पहला हृस्व वर्ण भी 'गुरू अथार्त् दीर्घ' माना जाता है।<br>
(2) विसर्ग और अनुस्वार से युक्त वर्ण भी \"दीर्घ\" जाता माना जाता है। यथा – 'दु:ख और शंका' शब्द में 'दु' और 'श' हृस्व वर्ण होंने पर भी 'दीर्घ माने जायेंगे।<br>
(3) छन्द भी आवश्यकतानुसार चरणान्त के वर्ण 'हृस्व' को दीर्घ और दीर्घ को हृस्व माना जाता है।<br><br>