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Kavita Kosh से
|रचनाकार=व्योमेश शुक्ल
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बातचीत के चालूपन में वाक्य विन्यास को क़ायदे से
सँभाल लिया जाय
लेकिन, फिर बहुत समय बीत गया
औऱ अब लगता है कि हमें ऐसा लगता था
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