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|रचनाकार= रामधारी सिंह "दिनकर"}}{{KKPageNavigation|पीछे=रश्मिरथी / कथावस्तु|आगे=रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 2|संग्रहसारणी= रश्मिरथी / रामधारी सिंह "दिनकर"
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'जय हो' जग में जले जहाँ भी, नमन पुनीत अनल को,