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* [[खामोशी बोल उठे, हर नज़र पैगाम हो जाये / शकेब जलाली]]
* [[गले मिला न कभी चाँद बख्त ऐसा था / शकेब जलाली]]
* [[वही झुकी हुई बेलें वही दरीचा था / शकेब जलाली]]
* [[लौ दे उठे वो हर्फ़-ए-तलब सोच रहे हैं / शकेब जलाली]]
* [[जहाँ तलक भी ये सेहरा दिखाई देता है / शकेब जलाली]]
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