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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=तेजेन्द्र शर्मा]][[Category:कविताएँ]]}}[[Category:तेजेन्द्र शर्मा]]<poem>देखा है तुम्हें जब से मुझे चैन न आएतक़दीर बदल जाए जो तू मुझ को बुलाए
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~आंखों में तेरी प्यार की ख़ुशबू का बसेरामुस्कान तेरी करती है, जीवन में सवेराआवाज़ तेरी जैसे कोई साज़ बजाए
देखा है तुम्हें जब से मुझे चैन न आए<br>चाल में मस्ती तेरी क्या ख़ूब अदा हैतक़दीर बदल जाए जो तू मुझ को बुलाए<br><br>लगता है तेरे हुस्न पे संसार फ़िदा हैज़ुल्फ़े तेरी बिखरें तो घटा ख़ुद से लजाए
आंखों में तेरी प्यार की ख़ुशबू का बसेरा<br>मुस्कान तेरी करती है, जीवन में सवेरा<br>आवाज़ तेरी जैसे कोई साज़ बजाए<br><br> है चाल में मस्ती तेरी क्या ख़ूब अदा है<br>लगता है तेरे हुस्न पे संसार फ़िदा है<br>ज़ुल्फ़े तेरी बिखरें तो घटा ख़ुद से लजाए<br><br> ऐ हुस्न तूने इश्क को कर डाला दिवाना<br>हर हाल में चाहूँ मैं तुझे अपना बनाना<br>वीरानी हटे जो तू, मेरे घर को बसाए<br><br/poem>
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