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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>कब ठहरेगा दर्देदर्द-ए-दिल, कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आयेंगे, सुनते थे सहर होगी
किस दिन तेरी शनवाई ऐ दीद:-ए-तर होगी
कब महकेगी फासलेफसले-गुल, कब बहकेगा मयखानाकब सुबहेसुबह-ए-सुखन होगी, कब शामेशाम-ए-नज़र होगी
वाइज़ है न जाहिद है, नासेह है न क़ातिल है
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