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शीतल, विरल एक कानून कानन शोभित अधित्यका के ऊपर,
कहीं उत्स-प्रस्त्रवण चमकते, झरते कहीं शुभ निर्झर।
लौह-दण्ड पर जड़ित पड़ा हो, मानो, अर्ध अंशुमाली।
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