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{{KKRachna|रचनाकार: [[=परवीन शाकिर]][[Category:कविताएँ]]}}[[Category:गज़लग़ज़ल]][[Category:परवीन शाकिर]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
सुंदर कोमल सपनों की बारात गुज़र गई जानाँ <br>
धूप आँखों तक आ पहुँची है रात गुज़र गई जानाँ<br><br>