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अब वो सफ़र की ताब नहीं बाक़ी वरना <br>
हम को बुलावे दश्त से जब -तब आते हैं <br><br>
जागती आँखों से भी देखो दुनिया को <br>
काग़ज़ की कश्ती में दरिया पार किया <br>
देखो हम को क्या -क्या करतब आते हैं<br><br>
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