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[[Category:हरिवंशराय बच्चन]]
[[Category:कविताएँ]]~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~[[Category:रुबाई]]{{KKSandarbh|लेखक=हरिवंशराय बच्चन|पुस्तक=मधुशाला|प्रकाशक=|वर्ष=1935|पृष्ठ=}}
साकी, जब है पास तुम्हारे इतनी थोड़ी सी हाला,<br>