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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जिगर मुरादाबादी }} <poem> [[Category:ग़ज़ल]] आ कि तुझ बिन इस ...
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{{KKRachna
|रचनाकार=जिगर मुरादाबादी
}}
<poem>
[[Category:ग़ज़ल]]
आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त! घबराता हूँ मैं।
जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं॥
कूए-जानाँ की हवा तक से भी थर्राता हूँ मैं।
क्या करूँ बेअख़्तयाराना चला जाता हूँ मैं॥
मेरी हस्ती शौक़ेपैहम, मेरी फ़ितरत इज़्तराब।
कोई मंज़िल हो मगर गुज़रा चला जाता हूँ मैं॥
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=जिगर मुरादाबादी
}}
<poem>
[[Category:ग़ज़ल]]
आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त! घबराता हूँ मैं।
जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं॥
कूए-जानाँ की हवा तक से भी थर्राता हूँ मैं।
क्या करूँ बेअख़्तयाराना चला जाता हूँ मैं॥
मेरी हस्ती शौक़ेपैहम, मेरी फ़ितरत इज़्तराब।
कोई मंज़िल हो मगर गुज़रा चला जाता हूँ मैं॥
</poem>