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नया पृष्ठ: <poem> कोई राजा कोई रानी कौन भरेगा घर का पानी बातें ही उलझीं कुछ ऐसी ब...
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कोई राजा कोई रानी
कौन भरेगा घर का पानी

बातें ही उलझीं कुछ ऐसी
बहरें हो गईं पानी-पानी

लेने देने के मसले हैं
कौन किसी का भरता पानी

भूखे प्यासे बेघर नंगे
बोलो मछली कितना पानी

प्रेम घड़ी भर ही का काफी
दुनिया तो है आनी जानी
</poem>
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