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Kavita Kosh से
* [[बूँद बन बन के बिखरता जाए / शीन काफ़ निज़ाम]]
* [[और कुछ देर यूँ ही शोर मचाए रखिए / शीन काफ़ निज़ाम]]
* [[वो कहाँ चश्मे-तर में रहते हैं / शीन काफ़ निज़ाम]]
'''नज़्में
* [[दुख / शीन काफ़ निज़ाम]]
* [[शाम : एक मंज़र / शीन काफ़ निज़ाम]]
* [[तुम्हे देखे ज़माने हो गए हैं / शीन काफ़ निज़ाम]]
* [[जाड़े की दोपहर / शीन काफ़ निज़ाम]]