भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
82 bytes removed,
12:48, 10 अगस्त 2009
}}
[[Category:गज़ल]]
<poem>
जब लगे ज़ख़्म तो क़ातिल को दुआ दी जाये
है यही रस्म तो ये रस्म उठा दी जाये
जब लगे ज़ख़्म तिश्नगी कुछ तो क़ातिल को दुआ दी जाये<br>बुझे तिश्नालब-ए-ग़म कीहै यही रस्म तो ये रस्म उठा इक नदी दर्द के शहरों में बहा दी जाये<br><br>
तिश्नगी कुछ तो बुझे तिश्नालबदिल का वो हाल हुआ ऐ ग़म-ए-ग़म की<br>दौराँ के तलेजैसे इक नदी दर्द के शहरों लाश चट्टानों में बहा दबा दी जाये<br><br>
दिल का वो हाल हुआ ऐ ग़म-ए-दौराँ हम ने इंसानों के तले<br>दुख दर्द का हल ढूँढ लियाजैसे इक लाश चट्टानों में दबा क्या बुरा है जो ये अफ़वाह उड़ा दी जाये<br><br>
हम ने इंसानों के दुख दर्द का हल ढूँढ लिया<br>को गुज़री हुई सदियाँ तो न पहचानेंगीक्या बुरा है जो ये अफ़वाह उड़ा आने वाले किसी लम्हे को सदा दी जाये<br><br>
हम को गुज़री हुई सदियाँ तो न पहचानेंगी<br>फूल बन जाती हैं दहके हुए शोलों की लवेंआने वाले किसी लम्हे को सदा शर्त ये है के उन्हें ख़ूब हवा दी जाये<br><br>
फूल बन जाती हैं दहके हुए शोलों कम नहीं नशे में जाड़े की लवें<br>गुलाबी रातेंशर्त ये है के उन्हें ख़ूब हवा और अगर तेरी जवानी भी मिला दी जाये<br><br>
कम नहीं नशे में जाड़े की गुलाबी रातें<br>और अगर तेरी जवानी भी मिला दी जाये<br><br> हम से पूछो ग़ज़ल क्या है ग़ज़ल का फ़न क्या है<br>चन्द लफ़्ज़ों में कोई आह छुपा दी जाये<br><br/poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader