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[[Category:गज़ल]]
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कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है
तेरी यादों को कलेजे से लगा रक्खा है
कौन कहता है तुझे मैनें भुला रखा है <br>लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं तेरी यादों को कलेजे से लगा रखा दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रक्खा है <br><br>
लब पे आहें भी नहीं आँख तूने जो दिल के अंधेरे में आँसू भी नहीं <br>जलाया था कभी दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रखा वो दिया आज भी सीने में जला रक्खा है <br><br>
तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी <br>वो दिया आज भी सीने में जला रखा है <br><br> देख जा आ के महकते हुये ज़ख़्मों की बहार <br>मैनें मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा रक्खा है <br><br/poem>
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