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Kavita Kosh से
<poem>उसकी कलाई पर लिखा है नाम तेरा
याद में तेरी ना वो जोगन बनेगी
ईंट, पत्थर, पानी और आलव आलाव का घर
सेंक रोटी हाथ की रेखा दहेगी