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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में
किस की बनी है आलम-ए-नापायेदार में
लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में <br>कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें किस की बनी इतनी जगह कहाँ है आलमदिल-ए-नापायेदार दाग़दार में <br><br>
कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें <br>इतनी जगह कहाँ है दिलउम्र-ए-दाग़दार दराज़ माँग कर लाये थे चार दिन दो आरज़ू में कट गये दो इन्तज़ार में <br><br>
उम्र-ए-दराज़ माँग कर लाये थे चार दिन <br>दो अरज़ू में कट गये दो इन्तज़ार में <br><br> कितना है बदनसीब "ज़फ़र" दफ़्न के लिये <br>
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में
</poem>
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