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Kavita Kosh से
तेरी गली से न जाने क्यूँ आज सर झुकाये गुज़र गया वो <br><br>
वो हिज्र कि रात का सितार सितारा वो हमनफ़स हमसुख़न हमारा <br>
सदा रहे उस का नाम प्यारा सुना है कल रात मर गया वो <br><br>