भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|संग्रह=
}}
[[Category:बाल-कविताएँ]]{{KKCatBaalKavita}}<poem>
मिस्टर आलू गोल मटोल
पढ़ने बैठे चिट्ठी खोल ।
 
देखे टेढ़े-मेढ़े अक्षर
नाक सिकोड़ा, पीछे हँसकर ।
 
बोले, आना इधऱ विटोल
देखो नक़्शा यह अनमोल ।
 
लगता है फिर पापाजी ने
चिट्ठी में सारा भूगोल ।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits