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Kavita Kosh से
|रचनाकार=निर्मला जोशी
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गीत गाने का मुझे
अवकाश तो था ही नहीं पर
एक ही झनकार थी जब आरती की वेदना की
प्राण के पाटल चुने तब मौन हो आराधना की
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