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Kavita Kosh से
दिये हैं मैने जगत को फूल-फल,<br>
किया है अपनी प्रभा प्रतिभा से चकित-चल;<br>
पर अनश्वर था सकल पल्लवित पल-<br>
ठाट जीवन का वही<br>
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