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मौन को मुखरित बनाया,
करुन क्रंदन को क्‍यों बताया क्‍यों मगर मधुर गान?
जीवन शाप या वरदान?
हर्ष से क्षण क्षण भरोगे,
तो न कर देंगे उसे सब एक दिन बलिदान?
जीवन शाप या वरदान?
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