भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
मौन को मुखरित बनाया,
करुन क्रंदन को क्यों बताया क्यों मगर मधुर गान?
जीवन शाप या वरदान?
हर्ष से क्षण क्षण भरोगे,
तो न कर देंगे उसे सब एक दिन बलिदान?
जीवन शाप या वरदान?