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जनविजय जी! मैंने बच्चन जी के संग्रह ’निशा-निमंत्रण’ का टंकण पूरा कर लिया है। आप अपनी सुविधानुसार अशुद्धियाँ दूर कर दीजिएगा। सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]
जनविजय जी! आप अपनी सुविधानुसार कीजिए। मैं ’माखनलाल चतुर्वेदी’ जी के संग्रह ’हिम तरंगिनी’ का टंकण करने जा रहा हूँ। सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]