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{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= रमा द्विवेदी}}
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे।<br>
ज़िन्दगी के क़र्ज़ को हम यूँ चुकायेंगे॥<br><br>
लक्ष्य लेके रास्तों पे बढ़ते जायेंगे<br>,
ढूँढ़ लेंगे मंजिलें या निशां बनायेंगे,<br>
रास्ते की अड़चनों से टकरायेंगे.....<br>
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे॥<br><br>
रोज नए रिश्ते यहाँ बन तो जायेंगे,<br>
ज़िन्दगी की राहों में वे निभ न पायेंगे,<br>
प्यार हो तो रिश्ते भी गुल खिलायेंगे....<br>
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे ॥<br><br>
ज़िन्दगी है बेवफ़ा यह हाथ नहीं आयेगी,<br>
साथ में यहाँ से अपने लेके कुछ न जायेगी<br>,
हमसफ़र हो साथ में तो मुस्कायेंगे.....<br>.
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे ॥<br><br>
ज़िन्दगी शतरंज भी है,ज़िन्दगी इक गम भी है<br>,
ज़िन्दगी बदरंग भी है,ज़िन्दगी सतरंग भी है,<br>
मुश्किलों में ज़िन्दगी को आजमायेंगे.....<br>.
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे ॥<br><br>
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे।<br>
ज़िन्दगी के क़र्ज़ को हम यूँ चुकायेंगे॥<br><br>
लक्ष्य लेके रास्तों पे बढ़ते जायेंगे<br>,
ढूँढ़ लेंगे मंजिलें या निशां बनायेंगे,<br>
रास्ते की अड़चनों से टकरायेंगे.....<br>
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे॥<br><br>
रोज नए रिश्ते यहाँ बन तो जायेंगे,<br>
ज़िन्दगी की राहों में वे निभ न पायेंगे,<br>
प्यार हो तो रिश्ते भी गुल खिलायेंगे....<br>
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे ॥<br><br>
ज़िन्दगी है बेवफ़ा यह हाथ नहीं आयेगी,<br>
साथ में यहाँ से अपने लेके कुछ न जायेगी<br>,
हमसफ़र हो साथ में तो मुस्कायेंगे.....<br>.
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे ॥<br><br>
ज़िन्दगी शतरंज भी है,ज़िन्दगी इक गम भी है<br>,
ज़िन्दगी बदरंग भी है,ज़िन्दगी सतरंग भी है,<br>
मुश्किलों में ज़िन्दगी को आजमायेंगे.....<br>.
दर्द में भी ज़िन्दगी को जीते जायेंगे ॥<br><br>