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Kavita Kosh से
सर पर ज़मीन लेके हवाओं के साथ जा
आहिस्ता चलने वाले की बारी न जायेगी आएगी
पहचान हमने अपनी मिटाई है इस तरह
बच्चों में कोई बात हमारी न आएगी
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