भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रक्त झर-झर... / हरजेन्द्र चौधरी

2 bytes removed, 07:16, 24 अक्टूबर 2009
बन्द होगा बन्द होगा
अभी बन्द होगा क़लम घिसना
...इस उम्मीद्मेंउम्मीद में
अभी तो टपक ही रहे हैं
टपकते ही जा रहे हैं
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits