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विराट-वीणा / मैथिलीशरण गुप्त

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|संग्रह=झंकार / मैथिलीशरण गुप्त
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तुम्हारी वीणा है अनमोल।।<br>
हे विराट ! जिसके दो तूँबे<br>
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