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Kavita Kosh से
|रचनाकार=अशोक चक्रधर
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मुझे याद है
वह
जज़्बाती शुरुआत की
पहली मुलाक़ात
जब सोते हुए उसके बाल
अंगुल भर दूर थे
लेकिन उन दिनों
मेरे हाथ
कितने मज़बूर थे ?
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