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पॉल रोबसन / अली सरदार जाफ़री

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|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
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पॉल रोबसन
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अपने नग़्मे पे कोई नाज़ तुझे हो कि न हो
नग़मा इस बात पे नाज़ाँ है कि है फ़न तेरा
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