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{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=सूर्य से सूर्य तक / अवतार एनगिल; तीन डग कविता / अवतार एनगिल
}}
{{KKCatKavita}}<poem>सुबह :
काले पर्वत के पीछे से
सिंदूरी कमंद लगा
धरती से सूर्य तक की यात्रा
पर बहुत आसान है
सूर्य से सूर्य तक का सफर ।</poem>