भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=अश्वघोष}}
[[Category:बाल-कविताएँ]]
<poem>
टिंकू से यह बोला पेड़
टिंकू मुझको अधिक न छेड़
शायद तुझ पर काम नहीं
पर मुझको आराम नहीं
देख अभी नभ में जाना है
बादल से पानी लाना है
जीवों को वायु देनी है
मिट्टी को आयु देनी है
ईंधन देना है बुढ़िया को
मीठे फल देना गुड़िया को
अभी बनाना ऐसा डेरा
पक्षी जिसमें करें बसेरा
इंसानों के रोग हरूँगा
और बहुत से काम करूँगा
टिंकू कर मत पीछा मेरा
मैं धरती का पूत कमेरा
</poem>