भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=यह धरती हमारा ही स्वप्न है / आलोक श्रीवास्तव-२
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
सरयू-तट के जनपदों से लेकर
7.11.2002
उपरोक्त कवित में हिन्दी के अनेक प्रमुख कवियों की काव्य-पंक्तियाँ इस्तेमाल हुई हैं। उनके प्रति कृतज्ञ है कवि।
</poem>