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{{KKRachna
|रचनाकार=अहमद फ़राज़
|संग्रह=दर्द आशोब / फ़राज़ ; ज़िन्दगी !ऐ ज़िन्दगी! / फ़राज़
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ऐ दिल उन आँखों पर न जा
जिनमें वफ़ूरे-रंज<ref>दु:खों की बहुतायत</ref>से कुछ देर को तेरे लिए
आँसू अगर लहरा गए