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--[[सदस्य:Shrddha|Shrddha]] ०२:०५, २१ नवम्बर २००९ (UTC)
जनविजय जी! ’दिनकर’ जी की कविता ’आग की भीख’ में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है, अतः उस पन्ने को असुरक्षित कर दीजिए। सादर - [[धर्मेन्द्र कुमार सिंह]]