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नया पृष्ठ: *[[याद करेगी धरती / निर्मला गर्ग]] {{KKGlobal}} {{KKRachna ।रचनाकार=हरीशचन्द्र पाण…
*[[याद करेगी धरती / निर्मला गर्ग]]
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
।रचनाकार=हरीशचन्द्र पाण्डे
}}
<poem>
जब कहीं कुछ नहीं होता
एक शान्त नीली झील में
सुस्ताती हैं सारी हलचलें
वक्त बस झिरता है
धीमे झरने सा
धरती खोलती है
पुराना अल्बम
जगह जगह आंसुओं
और खून के धब्बे हैं उस पर
अनगिनत वारदातें घोड़ों की टापें
धूल और बवंडर के बीच
याद करती है धरती
वे तारीखें साफ किया है जिन्होंने
उसकी देह पर का कीचड़
धोया है मुंह बहते पसीने से
याद करेगी धरती कई चीजें अभी और
और कई चेहरे
</poem>
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{{KKRachna
।रचनाकार=हरीशचन्द्र पाण्डे
}}
<poem>
जब कहीं कुछ नहीं होता
एक शान्त नीली झील में
सुस्ताती हैं सारी हलचलें
वक्त बस झिरता है
धीमे झरने सा
धरती खोलती है
पुराना अल्बम
जगह जगह आंसुओं
और खून के धब्बे हैं उस पर
अनगिनत वारदातें घोड़ों की टापें
धूल और बवंडर के बीच
याद करती है धरती
वे तारीखें साफ किया है जिन्होंने
उसकी देह पर का कीचड़
धोया है मुंह बहते पसीने से
याद करेगी धरती कई चीजें अभी और
और कई चेहरे
</poem>