Changes

स्वप्न सत्य हों, बहार--
गा उठे अमंद छन्द।
 
रचनाकाल: सत्यनारायण कुटीर, प्रयाग--१९४८
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits