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ख़ामी-ख़ामी भर हूँ पर ख़ामी से जल गए लोग।।
ख़ास-उल-ख़ास के चर्चे हर सू ख़ूब है यारो बज़्मे- आप।
ख़ासी ठंडी सीरत वाले इक आमी से जल गए लोग।।