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{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमा द्विवेदी }}{{KKCatKavita}}<poem>चिड़ियों की ऊँची और ऊँची, <br>उड़ने की कोशिश भी,<br>आकाश को छू नहीं पातीं,<br>पर इसका अर्थ,<br>यह कतई नहीं,<br>कि वे उड़ना छोड़ दें।<br/poem>