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Kavita Kosh से
|रचनाकार=लुई आरागों
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हमने देखे साइकिल पर सवार
हमने देखे ध्वस्त होते नैतिक मूल्य
और भागते हुए जीवन से छह-चार-दो
'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
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