भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=जूझते हुए / महेन्द्र भटनागर
}}
भूख से<br>मार से<br>::मर गया !<br>
शोक से<br>लोक से<br>::तर गया !<br/poem>