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|रचनाकार=पुष्पिता
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एक नदी से
मिलती है एक नदी
आैर और खामोश हो जाती है।
नदी की आंखों में
देखती है एक नदी
आैर और रो पड़ती है।
नदी बहकर आती है
आैर और बहाकर ले जाती है आंखों कोमन की नदी की आेर।ओर।
सूरीनामी नदी
सूरीनामी नदी
शब्द-नदी की तरह मिलती है
आैर अथर्और अर्थ-सरिता की तरह मिल जाती है
मन की गंगा में
गंगा होने के लिए।
</poem>
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